झारखंड के 25269 जन वितरण प्रणाली (PDS) विक्रेताओं ने राज्य सरकार से लंबित कमीशन भुगतान और अन्य समस्याओं को लेकर अविलंब कार्रवाई की मांग की है। झारखंड जन वितरण विक्रेता संघ के बैनर तले विक्रेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ तो 1 अगस्त को राज्य के सभी जिला मुख्यालयों पर एक दिवसीय महाधरना दिया जाएगा।
संघ के जिला अध्यक्ष नंद प्रसाद, जो प्रदेश के वरिष्ठ उपाध्यक्ष भी हैं, ने मुख्यमंत्री और खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग के मंत्री को संबोधित ज्ञापन में कहा है कि कोरोना काल की बकाया राशि के साथ मार्च 2023, सितंबर 2023, दिसंबर 2024, जनवरी 2025 से लेकर जुलाई 2025 तक का कमीशन अभी तक भुगतान नहीं हुआ है। इसके अलावा झारखंड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना के तहत पिछले 18 महीनों से भी कोई कमीशन नहीं मिला है, जिससे विक्रेताओं की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो चुकी है।
उन्होंने यह भी कहा कि गंभीर बीमारी से ग्रसित और असमर्थ विक्रेताओं के लाइसेंस को उनके परिवारजनों को हस्तांतरित करने का सरकार द्वारा आदेश तो दिया गया है, लेकिन इसकी स्पष्ट गाइडलाइन अब तक जारी नहीं हुई है, जिससे पात्र नामांकित लोग बेरोजगारी का शिकार हो रहे हैं।
एक अन्य बड़ी समस्या इलेक्ट्रॉनिक वजन मशीनों की मरम्मत को लेकर भी उठाई गई है, जहां विक्रेताओं से ₹1700 से ₹2200 की जबरन वसूली हो रही है। जबकि वही काम विक्रेता अपने स्तर से ₹200 से ₹300 में कर सकते हैं।
विक्रेताओं ने मांग की है कि जब तक Smart PDS को पूरे राज्य में लागू किया जा रहा है, उससे पूर्व सभी डीलरों को अगस्त 2025 तक 4G ई-पॉश मशीन उपलब्ध कराई जाए, ताकि व्यवधान न हो। साथ ही उन्होंने पेपरलेस सिस्टम को पूरी तरह लागू करने की भी मांग की है, क्योंकि अभी भी भंडार पंजी और बिक्री पंजी की बाध्यता बनी हुई है।
E-KYC को लेकर भी विक्रेताओं में नाराजगी है। उन्होंने कहा कि लाभार्थी और विभाग की जिम्मेदारी होने के बावजूद डीलरों पर दबाव डाला जा रहा है और कार्रवाई की धमकी दी जा रही है, जो अनुचित है।
Smart PDS की पायलट योजना में भी वितरण डेटा में भारी भिन्नता देखी गई है। NFSA पोर्टल और Smart PDS पोर्टल में अंतर आने के कारण कई बार डीलरों के आवंटन कट जाते हैं, जिससे आगामी समय में बड़ी समस्या हो सकती है।
अंत में विक्रेताओं ने मांग की है कि ई-पॉश मशीन में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की तरह राज्य की अन्य योजनाओं—चना, दाल और नमक—के वितरण के लिए भी ऑप्शन दिया जाए ताकि वितरण प्रक्रिया में समय की बचत हो सके।
नंद प्रसाद ने सरकार से अपील की है कि इन सभी समस्याओं का समाधान किया जाए और कमीशन का भुगतान शीघ्र कराया जाए, ताकि विक्रेताओं की आर्थिक स्थिति सुधर सके। उन्होंने यह भी कहा कि विक्रेताओं ने हमेशा सरकार की योजनाओं को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई है और आगे भी निभाते रहेंगे, लेकिन उनकी न्यायोचित मांगों को नजरअंदाज करना अब संभव नहीं है।