हजारीबाग की बदहाल बिजली व्यवस्था और विभागीय अनियमितताओं पर कांग्रेस का रुख सख्त, DVC व भवन निर्माण विभाग से कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल की दो टूक बातचीत


हजारीबाग की जनता इन दिनों बिजली आपूर्ति की गंभीर समस्या से जूझ रही है। लगातार ट्रिपिंग, अनिश्चित और घंटों लंबी बिजली कटौती ने आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। बच्चों की पढ़ाई से लेकर अस्पतालों में इलाज तक और दुकानों से लेकर घरेलू जरूरतों तक हर जगह असुविधा और संकट की स्थिति बन गई है। इस परिस्थिति में प्रशासन की उदासीनता ने जनता के आक्रोश को और भी गहरा किया है। ऐसे समय में कांग्रेस पार्टी ने एक बार फिर जनहित के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया है। गुरुवार को पूर्व सदर विधानसभा प्रत्याशी एवं कांग्रेस नगर प्रभारी मुन्ना सिंह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने दामोदर घाटी निगम (DVC) के महाप्रबंधक आर. एस. शर्मा से मुलाकात की और हजारीबाग नगर क्षेत्र की विद्युत समस्या पर दो टूक और गंभीर वार्ता की। कांग्रेस नेताओं ने साफ शब्दों में कहा कि यह संकट केवल तकनीकी नहीं, बल्कि बिजली प्रबंधन तंत्र की लापरवाही और असंवेदनशीलता का परिणाम है। मुन्ना ने महाप्रबंधक के समक्ष यह भी स्पष्ट किया कि बिजली कटौती अब महज़ असुविधा नहीं रही, यह जनता के मौलिक अधिकारों पर सीधा आघात है। बिजली की अनुपलब्धता ने न सिर्फ नागरिक जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है, बल्कि इससे सामाजिक-आर्थिक गतिविधियों पर भी प्रतिकूल असर पड़ा है। उन्होंने कहा कि सरकार और प्रशासन की जवाबदेही तब साबित होती है जब आपदा में तत्परता दिखाई जाए, लेकिन यहां प्रशासन मौन और निष्क्रिय नजर आ रहा है। DVC के महाप्रबंधक आर. एस. शर्मा ने तकनीकी पक्ष रखते हुए बताया कि कोडरमा स्थित 315 एमवीए का ट्रांसफॉर्मर जल जाने के कारण आपूर्ति बाधित हुई है। हजारीबाग की कुल मांग 126 एमवीए है, जबकि वर्तमान में मात्र 95 एमवीए की ही आपूर्ति संभव हो पा रही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि वैकल्पिक व्यवस्थाओं पर काम हो रहा है और शीघ्र ही सुधार की दिशा में ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। सिंह ने प्रशासनिक लापरवाही पर सवाल उठाते हुए कहा कि तकनीकी समस्याओं को नकारा नहीं जा सकता, परंतु यह सवाल बना हुआ है कि इतनी बड़ी आपूर्ति विफलता के बाद भी संबंधित विभाग और प्रशासन समय रहते सजग क्यों नहीं हुआ? यदि प्रशासनिक तत्परता होती तो यह संकट इस हद तक न बढ़ता। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी इसे महज ज्ञापन या विरोध तक सीमित नहीं रखेगी, बल्कि आवश्यकता पड़ी तो जनता को संगठित कर जनांदोलन की राह भी अपनाई जाएगी। पार्टी का संकल्प है कि जनता के अधिकारों की लड़ाई को हर स्तर पर मजबूती से लड़ा जाएगा। वहीं इसी दिन कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल भवन निर्माण विभाग के कार्यालय भी पहुंचा, जहां कार्यपालक अभियंता की अनुपस्थिति में विभागीय एसडीओ सचिन कुमार से फोन पर बातचीत की गई। यह वार्ता विभागीय टेंडरों में हो रही अनियमितताओं और मनमानी प्रक्रिया को लेकर थी। सिंह ने आरोप लगाया कि विभागीय प्रक्रियाओं में पारदर्शिता नहीं है, और टेंडर आवंटन से लेकर निर्माण कार्यों तक में अनेक गड़बड़ियाँ सामने आ रही हैं। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को यह सलाह दी कि वे जनता के प्रति जवाबदेह बनें और हर कार्य में पारदर्शिता सुनिश्चित करें। कार्यपालक अभियंता ने जल्द ही कार्यालय लौटकर औपचारिक वार्ता का आश्वासन दिया। इसके साथ ही कांग्रेस नेताओं ने नगर आयुक्त से भी भेंट कर खिरगांव मुक्ति धाम में बंद पड़े विद्युत शवदाह गृह के पुनरुद्धार की मांग की। उन्होंने कहा कि इस शवदाह गृह में नया फर्नेस लगाया जाए और इसकी संरचना ऐसी हो कि यह गैस और विद्युत दोनों से संचालित हो सके। उन्होंने मांग की कि इस संबंध में एक नया इस्टीमेट तैयार कर यथाशीघ्र कार्रवाई की जाए, ताकि अंतिम संस्कार जैसी गंभीर प्रक्रिया को सुविधा और सम्मान के साथ सम्पन्न किया जा सके। इस पूरे दिन के घटनाक्रम में कांग्रेस की सक्रियता और जनहित के प्रति उसकी प्रतिबद्धता स्पष्ट रूप से दिखी। प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश प्रतिनिधि वीरेन्द्र कुमार सिंह, प्रदेश सचिव शशि मोहन सिंह, जिला मीडिया प्रमुख निसार खान, महानगर अध्यक्ष मनोज नारायण भगत, सहकारिता विभाग के अध्यक्ष कृष्णा किशोर प्रसाद, जिला उपाध्यक्ष गोविंद राम, महासचिव ओमप्रकाश झा, ओबीसी प्रवक्ता डॉ. प्रकाश कुमार, युवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव रितेश तिवारी, मो. वारिस, डॉ. भैया असीम कुमार, बबलू सिंह, रूपेश कुमार, देव चव्हाण, विश्वास पासवानदेव चौहान, विश्वास पासवान, मुकेश सिंह, वीरेंद्र पासवान न्यूज़ में नाम ऐड कर दीजिएगा सहित अनेक कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित थे।