अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, हजारीबाग के निर्देशानुसार खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी के द्वारा आज चैंबर ऑफ कॉमर्स तथा केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन, हजारीबाग के सदस्यों के साथ एक विशेष बैठक आयोजित की गई। बैठक में एसोसिएशन ऑफ ड्रग एंड केमिस्ट, हजारीबाग तथा चैंबर ऑफ कॉमर्स के सदस्यों को भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI), नई दिल्ली तथा राज्य खाद्य सुरक्षा आयुक्त कार्यालय, नामकुम, राँची से प्राप्त संयुक्त निर्देशों की जानकारी दी गई।
बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि अब किसी भी खाद्य या पेय उत्पाद के नाम, ब्रांड अथवा लेबल पर “ओआरएस” शब्द का उपयोग नहीं किया जा सकेगा।
यह पाया गया है कि कई कंपनियाँ अपने मीठे पेय पदार्थों को “ओआरएस” नाम से बाजार में बेचकर उपभोक्ताओं को भ्रमित कर रही थीं। जबकि वास्तविक “ओआरएस” (ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन) एक चिकित्सकीय उत्पाद है, जिसमें चीनी एवं नमक का सटीक अनुपात होता है और जिसे केवल विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा अनुशंसित स्वरूप में ही बेचा जाना चाहिए।
खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी ने कहा कि “ओआरएस” शब्द का दुरुपयोग मिसब्रांडेड एवं मिसलीडिंग उत्पादों की श्रेणी में आता है। ऐसे मामलों में जुर्माना एवं कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
उन्होंने जिले के सभी व्यापारियों एवं विक्रेताओं से अपील की कि वे एफएसएसएआई के सभी दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करें तथा उपभोक्ताओं को गुमराह करने वाले किसी भी उत्पाद का प्रचार या विक्रय न करें।
