सम्राट महाराज जरासंध जी की 5228वीं जयंती पर विधायक प्रदीप प्रसाद शामिल हुवें


हजारीबाग के बड़ा बाजार स्थित जैन भवन में आयोजित अखिल भारतवर्षीय चंद्रवंशी क्षत्रिय महासभा समारोह में विधायक प्रदीप प्रसाद ने सहभागिता की। इस अवसर पर उन्होंने मगध सम्राट महाराज जरासंध जी की 5228वीं जयंती पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धासुमन अर्पित किया और उनके आदर्शों को नमन किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रदीप प्रसाद ने कहा कि महाराज जरासंध न केवल एक वीर योद्धा थे, बल्कि एक कुशल शासक, महान संगठक और न्यायप्रिय नेतृत्व के प्रतीक थे। उनके शासनकाल में मगध साम्राज्य ने अभूतपूर्व प्रगति की और समाज में एकता, अनुशासन तथा नैतिकता की भावना सुदृढ़ हुई।

उन्होंने कहा कि जरासंध जी का जीवन हमें यह सिखाता है कि सच्चा नेतृत्व वह है जो समाज के कल्याण, देश की एकता और मानवता की सेवा के प्रति समर्पित रहे। उनके परिश्रम, साहस और कर्तव्यनिष्ठा से हम सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए। आज जब हम उनके आदर्शों को स्मरण कर रहे हैं, तो हम सब को यह संकल्प लेना चाहिए कि समाज में एकता, सद्भाव और सेवा की भावना को सशक्त बनाएं।

इस अवसर पर राष्ट्रीय महामंत्री सुदेश चंद्रवंशी जी ने कहा कि, जरासंध जी की गाथा हमें सिखाती है कि सच्चा नेतृत्व वही होता है जो समाज की भलाई, देश की एकता और मानवता के कल्याण के लिए समर्पित रहे। उनका जीवन परिश्रम, साहस और कर्तव्यनिष्ठा का जीता-जागता उदाहरण है। आज जब हम उनके आदर्शों को याद कर रहे हैं, तो यह हमारा भी कर्तव्य बनता है कि हम उस विरासत को आगे बढ़ाएं।

विधायक प्रसाद ने कहा कि मगध की यह पावन धरती, जिस पर महाराज जरासंध ने जन्म लिया, हमारे गौरव की प्रतीक है। यह भूमि भारतीय संस्कृति, वीरता और संगठन का केंद्र रही है। हमें इस गौरवशाली परंपरा को आधुनिक विकास, शिक्षा, सामाजिक समरसता और आत्मनिर्भरता के मार्ग पर आगे बढ़ाना है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष अजीत चंद्रवंशी जी ने की। इस अवसर पर प्रदेश युवा अध्यक्ष राकेश वर्मा, जिला युवा अध्यक्ष शैलेश चंद्रवंशी, प्रदेश युवा महामंत्री राजन वर्मा, महेन्द्र वर्मा, राहुल वर्मा, शिवम वर्मा, महेन्द्र ठाकुर, सत्यपाल सिंह, राजदीप कुमार, नाई समाज के जिला अध्यक्ष छेदी ठाकुर, तैलिक समाज के जिला अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद, भाजपा जिला मंत्री रेणुका देवी, एससी मोर्चा के जिला अध्यक्ष महेंद्र बिहारी सहित समाज के अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

अंत में प्रदीप प्रसाद ने कहा कि जरासंध जयंती केवल इतिहास का स्मरण नहीं, बल्कि समाजिक चेतना, एकता और आत्मबल का संदेश है। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि हम अपने कर्म और चरित्र से समाज में संगठन और सेवा की भावना को सशक्त करें।