हजारीबाग गौशाला में धूमधाम से संपन्न हुआ गोपाष्टमी मेला, रिमझिम बारिशों के बीच गौभक्तों ने की गौमाता की सेवा, श्रद्धा और भक्ति से सराबोर रहा वातावरण


हजारीबाग - शहर से लगभग पाँच किलोमीटर दूर स्थित कोलकाता पिंजरापोल सोसाइटी द्वारा संचालित हजारीबाग गौशाला परिसर में गुरुवार को गोपाष्टमी पर्व के अवसर पर एक भव्य मेले का आयोजन किया गया। हल्की रिमझिम बारिश के बावजूद सुबह से ही श्रद्धालुओं और गौभक्तों की भीड़ गौशाला परिसर में उमड़ पड़ी। वातावरण में जय गौ माता की के जयघोष गूंज रहे थे। कार्यक्रम की शुरुआत राधा-कृष्ण मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चारण और पूजा-अर्चना के साथ हुई। तत्पश्चात शहर के गणमान्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर मेले का विधिवत शुभारंभ किया गया। उद्घाटन के बाद उपस्थित भक्तों ने गौमाता को चोकर, गुड़, रोटी सहित अन्य सामग्री खिलाकर गौसेवा का पुण्य प्राप्त किया। गौशाला परिसर को इस अवसर पर विशेष रूप से सजाया गया था। रंगीन झालरों, फूलों की मालाओं से सजे गौशाला परिसर की रौनक देखते ही बनती थी। भक्तजन पूरे भाव से गौमाता की परिक्रमा करते हुए भक्ति और सेवा में लीन दिखाई दिए। कार्यक्रम को सफल बनाने की जिम्मेदारी संयोजक बजरंग अग्रवाल को दी गई थी। उनके नेतृत्व में पूरी टीम ने महीनों की तैयारी के बाद इस आयोजन को भव्य रूप प्रदान किया। मेले में शामिल होने आए अतिथियों का स्वागत गौशाला समिति के पदाधिकारियों द्वारा अंगवस्त्र और पुष्पगुच्छ भेंटकर किया गया। गोपाष्टमी मेले में झारखंडी और भारतीय पारंपरिक व्यंजनों के अनेक स्टॉल लगाए गए थे। लोगों ने यहाँ  जलेबी, चाऊमीन और अन्य व्यंजनों का आनंद लिया। बच्चों और युवाओं के लिए खेलकूद, झूले, गुब्बारे और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी व्यवस्था थी, जिससे पूरा वातावरण उल्लासमय बना रहा।

हजारीबाग शहर के महेश सोनी चौक से गौशाला समिति द्वारा निःशुल्क बस सेवा की व्यवस्था की गई थी, ताकि अधिक से अधिक श्रद्धालु परिवार सहित इस आयोजन में सम्मिलित हो सकें। दिनभर गौशाला परिसर में परिवारों ने गौसेवा, पूजा-अर्चना और मेला मय वातावरण का भरपूर आनंद उठाया। मीडिया से बात करते हुए इस अवसर पर गौशाला कमेटी के सांसद सुपुत्र सह सहमंत्री करण जायसवाल ने कहा कि गोपाष्टमी का यह पर्व केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि यह हमारी संस्कृति, करुणा और सेवा भाव का प्रतीक है। गौमाता हमारे जीवन और कृषि संस्कृति का अभिन्न हिस्सा हैं। आज के समय में गौसेवा के माध्यम से समाज में करुणा, समर्पण और सद्भाव का संदेश फैलाना ही हमारा उद्देश्य है। हर वर्ष की तरह इस बार भी श्रद्धालुओं का जोश और सहभागिता प्रेरणादायक रही। हम सभी का प्रयास रहेगा कि आने वाली पीढ़ियों तक यह परंपरा जीवित रहे। उन्होंने आगे कहा कि समिति द्वारा जल्द ही गौशाला विस्तार योजना और आधुनिक देखरेख केंद्र के निर्माण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, ताकि यहां की गायों की बेहतर देखभाल और सेवा हो सके। कार्यक्रम के दौरान सभी उपस्थित लोगों को प्रसाद वितरण किया गया। भक्तजन गौसेवा के इस पवित्र अवसर का हिस्सा बनकर भाव-विभोर नज़र आए।