राष्ट्रीय हिंदी दिवस के अवसर पर तरंग ग्रुप, हजारीबाग द्वारा आज प्रेस क्लब हजारीबाग के सभागार में एक गरिमामय संगोष्ठी का आयोजन किया। इस संगोष्ठी का मुख्य विषय संस्कृति,साहित्य और संवेदना की धरोहर के साथ उद्देश्य हिंदी भाषा को केवल संचार का माध्यम न मानकर उसे हमारी संस्कृति, साहित्य और संवेदना की धरोहर के रूप में रेखांकित करना था। साथ ही राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक समरसता में हिंदी की भूमिका पर भी गहन विचार-विमर्श किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विनोबा भावे विश्वविद्यालय, हजारीबाग के सेवानिवृत्त हिंदी प्रोफेसर विजयकांत धर दुबे ने अपने उद्बोधन में कहा कि हिंदी भाषा भारतीय संस्कृति की आत्मा है। यह भाषा विभिन्न क्षेत्रों और संस्कृतियों को जोड़ने का काम करती है। उन्होंने कहा कि हिंदी के संरक्षण और संवर्धन के लिए युवाओं को आगे आना होगा। कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता उपस्थित डा. सत्येन्द्र कुमार, उपनिदेशक सह-सहायक महारजिस्ट, जनगणना कार्य निदेशालय, गृह मंत्रालय, भारत सरकार ने कहा कि हिंदी भाषा आज वैश्विक मंच पर अपनी मजबूत पहचान बना रही है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि सूचना प्रौद्योगिकी, शिक्षा और प्रशासन जैसे क्षेत्रों में हिंदी का प्रयोग लगातार बढ़ रहा है, जो गर्व की बात है। इस अवसर पर अनंत ज्ञान, मोना बग्गा, पूजा रॉय, तीसु सिंह, संजय तिवारी, पुष्कर पुष्प और सतीश पाठक ने भी अपने विचार व्यक्त किए। वक्ताओं ने कहा कि हिंदी केवल बोलचाल की भाषा नहीं, बल्कि भारतीय परंपरा, संवेदनशीलता और सामाजिक बंधन का आधार है।
संस्था के सचिव अमित कुमार गुप्ता ने कहा कि हिंदी भाषा समाज को जोड़ने वाली ताकत है। उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि तरंग ग्रुप भविष्य में भी हिंदी के प्रचार-प्रसार और सांस्कृतिक आयोजनों के लिए लगातार सक्रिय रहेगा। संगोष्ठी का समापन हिंदी भाषा के संवर्धन के संकल्प के साथ हुआ। उपस्थित सभी वक्ताओं और श्रोताओं ने एकमत से कहा कि हिंदी दिवस केवल एक औपचारिक आयोजन न होकर, हिंदी को जीवन के हर क्षेत्र में आत्मसात करने का प्रेरक अवसर है। कार्यक्रम के दौरान सभी अतिथियों को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया।
इस दौरान तरंग ग्रुप के कोषाध्यक्ष मनोज कुमार,सम्राट के कार्यकारी सचिव अमिताभ श्रीवास्तव,अगस्त्य कुमार,मुकेश कुमार,मेघा राज, ओम शंकर ,महेश कुमार, सत्यवेश,अमन राज ,आकाश आलोक, पुरुषोत्तम उपस्थित थे।