हजारीबाग - बड़ा बाजार दुर्गा पूजा महासमिति की अंतिम बैठक मल्लाह टोली स्थित धर्मशाला प्रांगण में प्रकाश सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में पूजा को लेकर कई महत्वपूर्ण विषयों पर गहन चर्चा कर तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया। महासमिति के द्वारा 26 सितंबर को पंडाल परिसर के समक्ष दरिद्र नारायण सेवा का आयोजन किया जाएगा, जिसमें जरूरतमंदों को भोजन कराया जाएगा। सप्तमी की प्रातःकालीन बेला में भव्य डोली यात्रा निकाली जाएगी, जो पूरे शहर में आकर्षण का केंद्र बनेगी। दशमी को दोपहर 1 बजे से भव्य विसर्जन शोभायात्रा निकाली जाएगी। यह जुलूस पूजा पंडाल से ढोल-नगाड़ों और भक्तिमय माहौल के बीच निकलेगा। अनुमान है कि इस शोभायात्रा में 5000 से भी अधिक श्रद्धालु शामिल होंगे, जो माता रानी के भजनों पर नृत्य करते और झूमते हुए माता को विदाई देंगे। विसर्जन स्थल बुढ़वा महादेव तालाब होगा। इस वर्ष पंडाल भी खास आकर्षण का केंद्र रहेगा। लगभग 60 से 65 फीट ऊंचे पंडाल को बांस और चटाई के माध्यम से तैयार किया जा रहा है, जिसमें शिल्पकला और परंपरा का अद्भुत संगम दिखाई देगा। वही पूजा के दौरान खास बात यह भी होगी कि गणेश जी स्वयं श्रद्धालुओं को लड्डू देकर आशीर्वाद देंगे जो एक अद्भुत एवं अलौकिक होगा। लकी ड्रा के कूपन बाजारों में उपलब्ध हैं,पूजा के उपरांत 6 अक्टूबर को पूजा पंडाल के समीप ड्रा किया जाएगा। महासमिति के अध्यक्ष प्रमोद यादव ने कहा कि हमारी कोशिश है कि हर श्रद्धालु को इस बार पूजा में विशेष अनुभव मिले। वहीं सचिव दीप नारायण निषाद ने कहा कि पूजा पंडाल से लेकर विसर्जन यात्रा तक हर कार्यक्रम को व्यवस्थित और गरिमामय बनाने की पूरी तैयारी की गई है। श्रद्धालु उत्सव में आनंद लें, यही हमारी प्राथमिकता है।हमारी महासमिति का उद्देश्य है कि हर वर्ग के लोग इस उत्सव से जुड़ें और मां दुर्गा की आराधना के साथ समाज में भाईचारा और सद्भाव का संदेश जाए। मौके पर अध्यक्ष प्रमोद यादव, सचिव दीपनारायण निषाद, कोषाध्यक्ष बालगोविंद निषाद,ओम प्रकाश गुप्ता, दिलीप जायसवाल,शिवशंकर गुप्ता,शिवदीप सिंह,नरेश निषाद,
प्रदीप जैन, गुड्डन सोनकर,लखन निषाद,पवन खण्डेलवाल,राजेश सिन्हा,प्रमोद खण्डेलवाल,उपेन्द्र सिन्हा,रितेश खण्डेलवाल,लक्ष्मण निषाद, आशुतोष चौधरी,रितेश खण्डेलवाल,दिलीप सोनी,मनोज गुप्ता, रोहित बजाज,पंकज कसेरा,अनिल मद्धेशिया,प्रेम निषाद,संजय यादव,अर्जुन यादव,रितेश कुमार सहित कई लोग मौजूद रहें।